ओशो द्वारा संचालित, महाबलेश्वर के प्राकृतिक वातावरण में, ध्यान शिविर के दौरान हुए प्रवचनों और प्रायोगिक ध्यान प्रयोगों पर आधारित हैं यह सभी सत्र।
शरीर, विचार और भावों की एक एक परत से ग्रंथियों को विलीन करने की कला समझाते हुए, ओशो हमें समग्र स्वास्थ्य और संतुलन की ओर ले चलते हैं।
इस श्रृंखला के मुख्य बिंदु:
– सेक्स ऊर्जा का सृजनात्मक उपयोग कैसे करें?
– क्रोध क्या है? क्या है उसकी शक्ति?
– अहंकार को किस शक्ति में बदलें?
– वैज्ञानिक युग में अध्यात्म का क्या स्थान है?
सत्र के मुख्य बिंदु:
– ध्यान में गहरे जाने के सुझाव
– साधक की दिनचर्या में मूलभूत तत्व
– मौन साधना के महत्वपूर्ण निर्देश
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